बंगाल पुलिस का दावा, जीजेएम कर रहा माओवादियों की मदद से भूमिगत सशस्त्र आंदोलन चलाने की तैयारी

दार्जीलिंग: पश्चिम बंगाल सरकार ने एक आदेश पारित कर राज्य से सभी स्कूलों में बंगाली भाषा की पढ़ाई अनिवार्य कर दी. गोरखालैंड के लोगों ने इसका विरोध किया और अब यह आंदोलन एक महीने से ज्यादा का हो गया है. पृथक गोरखालैंड की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहा जीजेएम लंबा सशस्त्र भूमिगत आंदोलन चलाने की तैयारी कर रहा है और उसने अपने कैडरों को प्रशिक्षण देने के लिए पड़ोसी मुल्कों से माओवादियों को भाड़े पर लिया है. राज्य के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

एडीजी (कानून व्यवस्था) अनुज शर्मा ने कहा, ‘‘हमें खुफिया एजेंसियों से जानकारी मिली है कि जीजेएम ने पड़ोसी मुल्कों से माओवादियों को भाडे़ पर लिया है. ये लोग स्थिति को और विकट करने के लिए सरकारी संपत्तियों और वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को निशाना बना सकते हैं.

माओवादियों से सहायता लेने के आरोपों को ‘सिरे से खारिज’

हालांकि जीजेएम नेताओं ने माओवादियों से सहायता लेने के आरोपों को ‘सिरे से खारिज’ किया है. जीजेएम के महासचिव रोशन गिरि ने कहा, ‘‘ये एकदम बेबुनियाद आरोप हैं. ये बयान हमारी छवि खराब करने और लोकतांत्रिक आंदोलन को निष्फल करने के लिए दिए जा रहे हैं.’’ एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर कहा कि जीजेएम ने अपने कैडरों को प्रशिक्षण देने के लिए 25 से 30 माओवादियों को भाडे़ पर लिया है.

Source:-NDTV

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